BrahMos Missile: यूपी के लखनऊ में आज ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया गया।
BrahMos Missile: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में आज ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया गया। बता दें कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Minister Rajnath Singh) ने वर्चुअल माध्यम से इस अत्याधुनिक सुविधा का शुभारंभ किया। इस नई यूनिट में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस नेक्स्ट जनरेशन (BrahMos Next Generation) का उत्पादन किया जाएगा, जो भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत करेगी। जानिए इस मिसाइल के दमदार फीचर्स…
हाल ही में भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) लॉन्च किया, जिसमें 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन में भारत के सैन्य हथियारों की ताकत दुनिया ने देखी। अब लखनऊ में शुरू हुई इस नई यूनिट के जरिए ब्रह्मोस मिसाइल की अगली पीढ़ी तैयार होगी, जो भारत की रक्षा क्षमता में एक और इजाफा करेगी।
लखनऊ में बनेगी ब्रह्मोस नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल
लखनऊ में स्थापित इस प्रोडक्शन यूनिट को तैयार करने में तीन साल का समय और लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है। ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर आधारित यह मिसाइल दुश्मन के रडार से बचकर सटीक निशाना लगाने में सक्षम है।

ब्रह्मोस मिसाइल की गति और वजन
ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos missile) की स्पीड Mach 2.8 से Mach 3.0 (लगभग 3,700 से 4,000 किमी/घंटा) है, जो ध्वनि की गति से तीन गुना तेज है। डीआरडीओ के सलाहकार डॉ. सुधीर मिश्रा के मुताबिक, वर्तमान ब्रह्मोस मिसाइल का वजन 2,900 किलोग्राम है, जबकि नेक्स्ट जनरेशन मिसाइल का वजन घटाकर 1,260 किलोग्राम किया जाएगा। इसकी रेंज 300 किलोमीटर होगी। कम वजन के कारण सुखोई विमान पर एक साथ पांच मिसाइलें लोड की जा सकेंगी।
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हर साल कितनी मिसाइलें तैयार होंगी?
डीआरडीओ के एडवाइजर डॉ. सुधीर मिश्रा के मुताबिक वर्तमान में हर साल 80-100 ब्रह्मोस मिसाइलें बनाई जा रही हैं। अगले साल से लखनऊ यूनिट में 100 से 150 नेक्स्ट जनरेशन मिसाइलों का उत्पादन शुरू होगा। अभी तक ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण तिरुवनंतपुरम, नागपुर, हैदराबाद और पिलानी में हो रहा है, लेकिन लखनऊ की यूनिट खास है, क्योंकि यहां केवल नेक्स्ट जनरेशन मिसाइलें बनेंगी।

ऑपरेशन सिंदूर में हुआ ब्रह्मोस का प्रयोग?
हाल ही में सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के भीतर कुछ रणनीतिक ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया है। लेकिन, सरकार की ओर से इस पर कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है।
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यदि यह पुष्टि होती है, तो यह पहली बार होगा जब भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रत्यक्ष उपयोग युद्ध-स्तर के अभियान में किया है। इससे भारत की सैन्य रणनीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है, जहां रक्षात्मक नीति से आगे बढ़कर अब आक्रामक सैन्य ताकत का प्रदर्शन भी किया जा रहा है।

